परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन :-
358. नामदान लिए नए लोगों को सेवा का मौका दीजिए।
359. निराशा में मालिक महात्मा मदद करते हैं।
360. गुरु महाराज ने भावुक होते हुए कहा कि लाख टके की बात को पकड़ लेना चाहिए।
361. जो काम आप सब जानते हो दूसरों को सिखा दो।
362. सेवा से जी नहीं चुराना चाहिए।
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363. खराब समय से बचने का हथियार है सुमिरन, ध्यान, भजन।
364. हर पूर्णिमा को आयु (उम्र) का हिसाब होता है।
365. जान अनजान में पाप बन जाने से उम्र ज्यादा कट जाती है।
366. खिलाकरके खाने की इच्छा रखनी चाहिए।
367. हुनर वाला आदमी कभी भूखा नहीं मरता।
368. सेवा करते रहने से मन खराब नहीं होता है।
369. निराशा में मालिक महात्मा मदद करते हैं।
370. चुपचाप बैठकर रोटी खाने वाला नहीं हूं, जो खाऊंगा आपका वो अदा करूंगा।
371. भजनानंदी कभी भूखा नहीं रहता है, उसको रोटी मिलती ही है।
372. अच्छे काम में लक्ष्मी जी ने कहा है मदद करेंगे।
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Gehre gyan ki bat batane wale babaji |
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Jaigurudev