जयगुरुदेव (post 5)

● *बाबा की दया मैहर* ●
12. Baba ki daya mehar

*श्री राम नारायण चौधरी, गांव ममाना,
जिला जयपुर, राजस्थान*
______________________________


पिछली साल फागुन के महीने में भेड़ें लेकर बाहर चराने गये थे, साथ में इनके मामा जी तथा और भी कई लोग थे |
इन्होंने मामाजी से भी बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के यहां चलकर नामदान लेने को कहा, परन्तु मामा जी नहीं माने उलटी सीधी बातेें करने लगे और अंत में बोले कि यदीं तुम्हारे बाबा सच्चे हैं तो रात में मुझे दर्शन दें तो मैं चलूंगा।

मामा जी तथा और कुछ लोग रात में सो गये, श्री राम नारायण जी और एक व्यक्ति पैरे पर रहे भेड़ों की रखवाली करने और रात में गुरु महाराज से प्रार्थना करते रहें कि मामा पर दया करें।
सुबह मामा जी अचानक हड़बड़ा कर उठे और बोले- "तुम्हारे बाबा सफेद कपड़े पहनते हैं।"

मने कहा हां ।
तो मामा जी बोले कि तुम्हारे बाबा सच्चे हैं उन्होंने मुझे दर्शन दिये हैं। अब मैं चलूंगा और मामा जी ने आश्रम आकर नामदान लिया और भजन में लग गये हैं उनका व्यवहार जो बड़ा खराब था वह भी बदल गया है।
उनका करीब आधा परिवार भी नाम दानी हो गया है।
गुरु महाराज की अपार दया सभी पर रहती है।

(अंतर्ध्वनि २०१२)


13. Jaigurudev nam ka prabhav
● *जयगुरुदेव नाम का प्रभाव* ●
_________________________

श्री नंदनलाल तिवारी, धुलिया महाराष्ट्र से लिखते हैं कि मेरे परम मित्र श्री जगदीश प्रसाद व्यास का देहान्त 1 अगस्त 2005 को रात्रि में 2 बजकर 20 मिनट पर हो गया हार्ट अटैक से।
मुझे रात में तुरन्त बुलाया था परन्तु उनकी मौत सुनकर मैं दुखी हो गया और वहां न जाकर गुरु महाराज की तस्वीर के सामने संकल्प करके साधना में बैठ गया।

पहले एक माला जयगुरुदेव नाम की करके ध्यान भजन में बैठा और सात घण्टे बाद प्रातः 9 बजकर 40 मिनट पर उनके घर पहुंचा।
(साधना में स्वामी जी महाराज की अपार दया मैहर मिली)
उनके घर के सभी लोग मेरे इतने लेट पहुंचने पर कोस रहे थे। उनकी पत्नि रो रही थी कह रही थी कि अन्तिम दर्शन भी न कर सकी।
मैने उसको चुप कराया

फिर मन ही मन गुरु महाराज से प्रार्थना की मेरे मालिक! आज मैं आपके चरणों में संकल्प अर्पण कर रहा हूं। और मृतात्मा  के दाहिने कान में ‘जयगुरुदेव नाम’ का जाप शुरु कर दिया।
कुछ समय में ही मेरे मित्र जिनको  मरे हुए 7 घण्टे बीत चुके थे, ने आंखें खोल दीं और 2, 4 सेकेण्ड खुली रखने के बाद बन्द कर लीं।
मेरी आंखों में जयगुरुदेव नाम का प्रभाव स्वयं देखकर आंसू आ गये।
गुरु महाराज सत्संग में कहते हैंः

जयगुरुदेव नाम सुनने पर मरने वाले व्यक्ति का समय पूरा हो गया होगा तो वह 2, 4 सेकेण्ड को आंख खोल देगा। वह बात सत्य है।


14. Mera anubhav
* ● मेरा अनुभव* ●
_______________

मैं लगभग चार वर्षों से गीतांजल कॉलोनी, क्वार्टर नं. म.3 छिन्दवाड़ा में किराये पर रह रहा था। अचानक एक दिन क्वार्टर मालिक आया और बोला कि मैं यह क्वार्टर बेच रहा हूं और खरीददार तैयार है। आप और कोई क्वार्टर देख लो इसे खाली करना होगा।

यह सुनकर मुझे बड़ी चिन्ता हो गई और मैं 30 सितम्बर को आश्रम गया । मैने प्रभु जी से प्रार्थना कि हे मालिक मैं उस क्वार्टर में चार  सालों से भजन सुमिरन कर रहा हूं अब मैं कहां जाऊं और कैसी जगह मिलेगी और कैसे लोग मिलेंगे अब आप ही सब जाने मैं आप की शरण में हूं।
मैं प्रार्थना करता रहा। 2 अक्टूम्बर को पूर्णिमा पर नामदान हुआ। मैं छिन्दवाड़ा वापस आया। क्वार्टर मालिक आया और मुझसे बोला कि आप ही क्वार्टर खरीद लो भले ही कम रूपये देना। फिर भी मेरे पास उतने रूपये नहीं थे।

एक सत्संगी बहन के पास सिवनी गया और सब बातें उससे बताया। उसने कहा कि गुरुमहाराज की दया होगी तो मैं देखती हूं। शाम को वह बोली कि रूपये का इंतजाम हो गया है।
दूसरे दिन वह साथ में आई और क्वार्टर खरीदने की बातचीत हो गई और खरीद लिया। अब वह क्वार्टर हमारा है।
प्रभु जी की मुझ पर दया हो गई।
(मोहन साहू ऑपरेटर, छिन्दवाड़ा म.प्र.)


15. Guru ki daya
● *गुरु की दया* ●
_______________

कामा निवासी रामसुख मास्टर की 14 वर्षीय लड़की को प्रेतात्मा ने परेशान कर रक्खा था। 
मास्टर बहुत दुखी थे। 
लड़की के शरीर पर दिन में कई बार टट्टी डाल जाता था। 
भूत की हरकतों से सभी चिंतित थे। 
लड़की जब स्कूल पड़ने जाती तो वहां कॉपी किताब यहां तक कि ब्लैक बौर्ड पर टट्टी की लेप करना भूत का नियम बन गया था। 
घर के पैसे गायब करना भी आम बात हो गयी थी। 
कई जगह लड़की का इलाज करवाया गया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। 

घर वाले हर तरह से परेशान हो चुके थे, और कोई उपाय नहीं सूझ रहा था कि क्या करें। मुझे जब इस बात की खबर लगी तो मैने रामसुख मास्टर जी को अपने पास बुलाया और सब हाल मालूम किया। 
मैने कहा कि समस्या तो आपकी जटिल है कोई बड़ा और गन्दा भूत मालूम पड़ता है। 

आप ने सबकुछ करके देख लिया अब मेरा बताया उपचार करें तो निश्चित रूप से फायदा नजर आयेगा।
मैने कहा कि आप बाबा  जयगुरुदेव जी के पास लड़की को लेकर जायें। 
मुझे विश्वास है कि कैंसा भी खतरनाक  भूत होगा बाबा जी की दया हो गई तो छोड़कर चला जायेगा।
मास्टरजी को मेरी बातों पर यकीन नहीं आया। मैंने उन्हें समझाया और धैर्य बन्धाया। 

मैंने फिर कहा कि अच्छा इतना करो कि घर जाओ और मेरे कहने के अनुसार आप घर की दीवार पर लिख दो कि
*"जयगुरुदेव नाम प्रभु का’’* साथ में जयगरुदेव-जयगरुदेव भी बोलते जाना। घर जाकर मास्टर जी ने ऐसा ही किया। 

वास्तव में ऐसा चमत्कार स्वामी जी का हुआ कि चार महीने बीत गए प्रेतात्मा घर में नहीं आई और न ही उसने कोई हरकत किया।
लड़की का मानसिक तनाव भी समाप्त हो गया। 
मास्टर जी को बाबा जी पर यकीन आया और वो परिवार सहित बाबा जी का दर्शन करने गए । उनको नामदान लेना है। उनकी पूर्ण श्रद्धा स्वामी जी के प्रति हो गई है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वे फिर  सत्संग में जाएंगे।
- पुष्पा कामावाली, भरतपुर        
शाकाहारी ७ से १३ जुलाई २०००


16. Premiyon k anubhav
● *प्रेमियों के अनुभव* ●
___________________

चौदह सितम्बर 2001 को प्रातः साढ़े चार बजे बिस्तर से उठकर मैं मैदान में टहलने गया। नित्य का यह मेरा क्रम था। आधा किलोमीटर की दूरी पर एक पोखरा है जहां थोड़ी देर मैं बैठता हूं। उस दिन शौच आदि क्रिया से निपटने के बाद मैं घर लौटने  लगा। उस समय आकाश में बादल छाये थे, बिजली चमक रही थी। मेरी उम्र 70 वर्ष के ऊपर है। रास्ते में एक स्थान पर मिरजापुर विद्युत लाइन हाई पावर की ऊपर से क्रास करती है वहीं पहुंचा कि बिजली बड़ी जोर से चमकी, गड़गडाहट इतनी तेज थी मानो मेरा कान फट गया। 

इतनी तेज रोशनी थी कि आंख बन्द हो गई। मैं बहुत तेज डर गया कि मेरे ऊपर बिजली गिरी है मैं बचूंगा नहीं। मालिक को याद करते हुए मैं घबड़ाया हुआ घर पहुंचा। मेरी जुबान बन्द थी। अन्दर ही अन्दर मैं नाम का सुमिरन करता रहा। बड़ी मुश्किल से काफी देर बाद मेरी जुबान खुली। गुरुमहाराज की असीम दया से मैं बच गया। और आसमान की बिजली भी मेरा कुछ न बिगाड़ सकी। समरथ गुरु जिसे मिल जाते हैं वो काल के घेरे से बाहर निकल आता है। मुझे गुरु की समर्थता पर पूरा पूरा विश्वास हो गया। 

- धनराज, संत कबीर नगर
शाकाहारी सदाचारी बालसंघ से साभार

शेष क्रमशः अगली पोस्ट 6 में पढ़ें ...👇
°•°•°•● जयगुरुदेव ●°•°•°•

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ