5. *शाकाहारी प्रचार अभियान, सत्संग, रैली आदि में जन जागरण हेतु बोले जाने वाली- जयगुरुदेव चेतावनी*

*Guru lagan ki na tute ladi*
   चेतावनी 20
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गुरु लगन की न टूटे लड़ी,
नाम जपले घड़ी दो घड़ी।
तेरी ज्यादा उमरिया नही,
सत्संगत है सबसे बड़ी।।१

उस मानव का जीवन भी क्या,
जिसपे सतगुरु की दीक्षा न हो।
वह जीवन ही जीवन नहीं,
गुरु के पाने की इच्छा न हो।।
तेरे सर पर मुसीबत खड़ी-
नाम जपले घड़ी दो घड़ी।।२

तूने वादा भजन का किया था,
मैं जपूंगा तेरे नाम को।
तूने आकर भुला सब दिया,
भूला असली तू निज धाम को।।
डाले यमदूत अब हथकड़ी-
नाम जपले घड़ी दो घड़ी।।३

उस समय साथ देगा न कोई,
नर्क नरकों में मारा तू डोले।
जाकर सतगुरु शरण में तू प्राणी,
दाग अपनी चुनरिया के धो ले।।
अब तो आई है अंतिम घड़ी-
नाम जपले घड़ी दो घड़ी।।४

जाना चाहे जो निज धाम को,
सतगुरु खोज जल्दी से कर।
जयगुरुदेव प्रभु का नाम ले,
जा पहुँच अपने मालिक के घर।।
बात ये ही है सबसे बड़ी-
नाम जपले घड़ी दो घड़ी।।



◆ *Guru ghat ghat me rahte hai* ◆
     चेतावनी 21
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गुरू घट घट में रहते हैं,
बुला ले जिसको दिल चाहे।
फंसे सब काल के फन्दे,
छुड़ा ले जिसका का जी चाहे ।।१

करम कीचड़ चढ़ा सुरत पर
न अपनापन इसे दीखे,
बैठ कर द्वार सतगुरु के
धुला ले जिसका जी चाहे ।।२

कठिन तप योग से पिछले
युगों में हरि जो मिलते थे,
सहज मे आज मिलते हैं
रिझाले जिसका जी चाहे।।३

जले दीपक से मिल करके,
हजारों दीप जल जाते,
जगे सतगुरु से मिल निज घट,
जगा ले जिसका जी चाहे ।।४

बिना सतगुरु बिना करनी,
नर तन व्यर्थ जाता है ।
भक्ति पथ से  सुफल जीवन
बना ले जिसका जी चाहे ।।५

भाग्य से प्यारे गुरु मिल जायें
तो सत्संग उनका कर।
उन्ही से प्रीत कर भक्ति
कमा ले जिसका जी चाहे।।६

वहीं भगवान वही सतपुरुष
वही सब कुछ के दाता हैं।
कमाई पर  सचाई को
फिरा ले जिसका जी चाहे।।७


◆ *Guru mahima hai apar* ◆
      जयगुरुदेव चेतवानी 22
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गुरु महिमा है अपार जगत में गुरु महिमा है अपार--2
गुरु कृपा से कितने ही तर गये,
हो गये भव से पार,
जगत में गुरु महिमा है अपार...

पत्थर मे भी प्राण पुगाते,
जड़ को चेतन वन्त बनाते।
प्रेम दया भंडार, जगत में गुरु महिमा है अपार...

मन्द बुद्धि की जड़ता हरते,
मूरख को भी ज्ञानी करते।
जीवन के करतार, जगत में गुरु महिमा है अपार...

भेद भाव ह्रदय नही धरते,
ज्ञान दीप से तिमिर को हरते।
तेज पुंज अवतार, जगत में गुरु महिमा है अपार...

सब प्रेमी मिल धूम मचाओ,
सतगुरु के गुण प्रेम से गाओ।
जयगुरुदेव नाम है सार-
जगत में गुरु महिमा है अपार...


      चेतावनी 23
◆ *Ghar ghar me jaigurudev  Nam ki* ◆
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घर घर में जय गुरु देव  नाम की धुनि होना चाहिए,
उन भव पार लगाने वाले का गुणगान होना चाहिए।

अन्तर में ज्योति जगाये, जो नभ में सुरत चढ़ाये।
उन ज्योति जगाने वाले पर मन होना चाहिए।।

जो शब्द का राग सुनाये, अन्तर में प्रेम बढ़ाये।
उन शब्द सुनाने वाले, पर मन होना चाहिए।।

तन मन से शरणागति हो, शुभ अशुभ समर्पण करके।
उन नाम बताने वाले, पर मन होना चाहिए।।

गुरु  यम से हमें छुड़ायें, चरणों में हमें लगायेें।
उन चरण गहाने वाले का, गुणगाना चाहिए।।

निज शरण में लेकर सतगुरु, भव पार लगाये सतगुरु।
उन भव पार लगाने वाले का गुणगान होना चाहिए।।


      चेतावनी 24
◆ *Ghar ghar me puja hogi* ◆
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घर घर में पूजा होगी अब तो जयगुरुदेव की,
गायेंगे सब गुणगान मिलकर जयगुरुदेव की ।

आयेंगे आश्रित हो करके सब जयगुरुदेव की,
पायेंगे जो चाहेंगे कृपा जयगुरुदेव की।।

आयेंगे अब सत्संग में सब जयगुरुदेव की,
सब गंग में नहायेंगे अब जयगुरुदेव की ।।

पछतायेंगे जो निन्दा करते जयगुरुदेव की,
शरमायेंगे सुन करके महिमा जयगुरुदेव की ।।

घबरायेंगे सुन करके महिमा जयगुरुदेव की,
गुण गायेंगे गलियों गलियों में जयगुरुदेव की।।

जो जो न शरण में आयेंगे अब जयगुरुदेव की,
उनको है शान्ति कहां बिन गाये जयगुरुदेव की।।

सत्संगी जय जयकार मनायें जयगुरुदेव की,
घट घट  में प्रगट दर्शन पाये जयगुरुदेव की।।

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जयगुरुदेव 
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शेष क्रमशः पोस्ट 6. में पढ़ें 🙏🏻👇🏼

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