*स्वामी जी ने 1981 में होली के अवसर पर कहा कि*
बहुत सी देवियां आई है और ये घर से सोच करके आई है कि हम गुरूमहाराज को गुंजिया खिला देंगे और वो लाई भी है हमारे लिए और खिला देंगे तो स्वामी जी महाराज खुश हो जायेंगे और हमको भजन नही करना पड़ेगा।और बहुत से बच्चे आये है और ये सोचकर के आये है कि हम स्वामी जी को एक लाख रुपये भेंट दे देंगे तो हमको भजन नही करना पड़ेगा।गुरूमहाराज खुश हो जाएंगे
स्वामी जी महाराज ने कहा मेरी बात ध्यान से सुनो गुंजिया पर तो महात्मा रीझते नही,लाख को मैं खाक समझता हूँ और जो मेरे आगे पीछे चलते है अथवा कुटिया के चारो और चक्कर लगाते है उनका नाम मेरे रजिस्टर में दर्ज नही है।
*पर्वत पर स्वामी बसे*
*ह्रदय बसे हुजूर*
*द्वारे पर दुर्जन बसे लाख कोस के दूर*
स्वामी जी महाराज ने कहा जो मेरे आदेश का पालन करते है मैं उनके अंग संग रहता हूँ और उनको मुझसे मिलने की फुर्सत ही नही है l
🙏🙏जय गुरु देव 🙏🙏
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Jaigurudev