*जो जीवन का समय बचा है, इसी में अपने कर्मों को काट लो -सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज*

जयगुरुदेव 

02.04.2024
प्रेस नोट
उज्जैन (म. प्र.)


*जो जीवन का समय बचा है, इसी में अपने कर्मों को काट लो -सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज*

*अपने से जुड़े लोगों की बुराइयों से अगर छुड़ा ले जाओगे तो उनके भी रक्षक, दाता गुरु महाराज बन जायेंगे*


इस कलयुग में प्रभु से साक्षात तदरूप, अपने भक्तों के साथ-साथ उनसे जुड़े सब लोगों की भी चिंता फिक्र करने वाले, कुछ बुराईयों को छोड़ने पर रक्षक, दाता बन कर संभाल करने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 

इस वक्त आदमी घर से निकले तो कोई गारंटी नहीं कि दो घंटे बाद ठीक-ठाक वापस आ जाएगा। इसीलिए कहा गया- काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय होति है, बहुर करोगे कब। देखो! आपको समय दिया गया था, कहा गया था कि 12-13 (मार्च) तारीख तक प्रचार कर लो। अब आचार संहिता लग गया। 

जैसे खुले मंच से या गाड़ी में माइक लगा करके दूर तक आवाज जाती थी, उस तरह से तो आप कर नहीं सकते हो। अब तो आपको परमिशन लेना पड़ेगा जहां कार्यक्रम करोगे। जो संविधान के तहत मनुष्य को करने का अधिकार है, आजादी है, वह भी ऐसे समय में जब आचार संहिता लग गई तब आप नहीं कर सकते हो। समय होता है। समय की कीमत होती है। अभी मौक़ा मिल रहा, उसका हुक्म हो रहा है समझ लो बचा लो लोगों को।

*जो जीवन का समय बचा है, इसमें कर्मों को काट लो*

जब कुदरत का थप्पड़-लप्पड़ लग जाएगा तब आपकी कोई कीमत रह जाएगी? तब किसको बचाओगे जब सब खत्म हो जाएंगे। जब चिड़िया चुग जाएगी खेत को तब किसकी रखवाली करोगे? इसलिए अभी मौका, अवसर है। समय का फायदा उठा लो। यह मिट्टी का शरीर मिट्टी में मिल जाएगा तब इसकी कोई कीमत होगी? जब थप्पड़ लगेगा तो गाल काले पड़ जायेंगे। इस समय पता नहीं है कि कल हम देख लेंगे। जो समय बचा है, कर्म काट करके अंतरात्मा को साफ कर लो, निर्मलता ले आओ अंदर में। जब निर्मलता आ जाएगी तो 

*निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा*

तब उसको पा जाओगे। जिसकी अंतरात्मा साफ हो जाएगी, उसी का मन सच्चा होगा, उसके अंदर दीनता आ जाएगी तब आपको उठा लेगा। जैसे कोई कितना भी क्रूर सख्त नाराज हो, उसके पैरों पर गिर जाओ, पैर पकड़ लो तो झुक करके उठता है। ऐसे ही वो प्रभु उठा लेगा। जैसे चुंबक लोहे को दूर से ही खींच लेता है ऐसे ही वह सार शब्द वाला प्रभु जो शब्द ही है, जीवात्मा को खींच लेगा, अपने पास बुला लेगा और गोदी में बैठा लेगा। यही काम जो आपको कठिन लग रहा है, यही आसानी हो जाएगा। 

जिस काम के लिए मनुष्य शरीर मिला, भजन, आत्मा के कल्याण, प्रभु को पाने, देवी-देवताओं के दर्शन करने के लिए, जो आपको कठिन लग रहा है, यही आसान हो जाएगा। आप यहीं से शुरू करो। आप चढ़ रहे फिर गिर रहे हो। तो मजबूती से यहां से चढ़ो। कहां से? कर्म काटने से चढ़ो। कर्म कैसे कटेंगे? जब दूसरों की जान बचाने में, दूसरों को राह दिखाने में लगोगे, इसमें कर्म कटेंगे।

*बुराइयों से अगर छुड़ा ले जाओगे तो उनके भी रक्षक गुरु महाराज बन जायेंगे*

आपसे जो लोग जुड़े हुए हैं, और अगर आप गुरु महाराज से और जयगुरुदेव नाम से लोगों को जोड़ोगे तो उनको भी गुरु महाराज ही देंगे लेकिन अक्ल और बुद्धि गुरु महाराज के नियम और मिशन से अलग नहीं होना चाहिए। जिन चीजों की हिदायत गुरु महाराज देकर के गए, जिन-जिन चीजों को न करने का आपको बताया जा रहा है, आपको बच्चों को बताने के लिए कहा जा रहा है कि यह बुरा है, यह अच्छा है, तो बुराइयों को अगर आप छुड़ा ले जाओगे तो उनके भी रक्षक, उनके भी दाता, गुरु महाराज बन जाएंगे।





baba umakant ji maharaj

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