परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के याद करने वाले वचन (9.)

✦✧  परमार्थी वचन  


✦ साधु, महात्मा, पण्डित, मुल्ला मौलवी, फकीर, ग्रंथि, पादरी, पुजारी, महन्त, मठाधीश,  अब आपके बैठने का समय नहीं है,  कुदरती कहर से बचने और बचाने में लग जाएँ ।

✦ नाम वह शक्ति है, पावर है जो समस्त संसार को चला रहा है। बेशुमार त्रिलोकियाँ, अगणित ब्रह्माण्ड उस नाम के आधार पर टिके हैं और विहार कर रहे हैं। कभी नाम की कमाई से चीजें प्राप्त होती थी अब भी हो सकती हैं बल्कि कलयुग में तो और आसानी से प्राप्त हो सकती हैं। जब आप सत्संग सुनेंगे तब सब बात समझ में आ जाएंगी।

 ✦ दुनिया बनाने वाला ही जब मिल जाता है तो दुनिया की चीजों के लिए भागना नहीं पड़ता है, वह स्वतः ही मिल जाती हैं।

✦ सत्य, अहिंसा, परोपकार और सेवा रूपी सच्चे धर्म को अपना लोगे तो जाति-पांति, भाषावाद, क्षेत्रवाद यह सब खत्म हो जाएगा। फिर इन्सान को इन्सान से प्रेम हो जाएगा। मानव मंदिर जो मालिक को प्राप्त करने के लिए मिला. इसको कोई गिरायेगा नहीं यानी मानव हत्या के पाप से बच जायेगा।

✦ जो निभ्या और जिभ्या पर कन्ट्रोल रखता है. कहीं पर भी रहता है, सुखी रहता है। चरित्रहीन व्यक्ति बगैर मणि के सर्प की तरह से हो जाता है . 

 यह मत सोचो की आँख बचाकर जो गलत काम कर रहे हैं उसे मालिक देख नहीं रहा है। उसके कैमरे से आप कहीं भी बच नहीं सकते।

✦ "जैसे मकड़ी अपने बनाये जाल में फसकर मर जाती है. ऐसे ही मनुष्य अपना घर बसाने के लिए धन इकठ्ठा करने में ही फसकर अपना जीवन रूपी अनमोल समय गंवा देता है।"

✦ पहले के समय में महात्माओं के मार्गदर्शन से लोगों में इतना आत्म  बल,आत्म शक्ति थी  कि जिस चीज की इच्छा करते वो पूरी हो जाती थी, जो आज भी संभव है। 

✦ सतगुरु जब मिलते हैं तब रास्ता भी बताते हैं, रास्ते पर चलाते भी हैं और मंजिल तक पहुँचते भी हैं।

✦ शंका जहाँ पर भी होती है वहां नाश होता है इसलिए शंका का समाधान कर लेना चाहिए।

✦ सुख और दुःख अच्छे और बुरे कर्मों के ही फल हैं, जीव हत्या करोगे तो नकों की यातना भोगनी ही पड़ेगी।

✦ प्रारब्ध को एक-एक चीज मिलती है, सतसंग और संतों  का समागम भजन और पूजन ये प्रारब्ध में भी परिवर्तन ला देते हैं। परन्तु सन्त की दया प्रारब्ध को ही बदल देती है। जो नहीं भी मिलने का है मिल जाता है. 

✦ शराब अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है। यदि शराब बन्द कर दी आए तो कल से ही भ्रष्टाचार और अपराध कम होना शुरु हो जाएगा। 

✦  संत सतगुरु की दया से तीसरी आंख खुल जाने पर खुदा भगवान एक ही दिखते हैं। 

✦  पहले के समय में सन्त महात्मा सतगुरु, गुरु से राय लेकर ही लोग काम करते थे। उनसे आशीर्वाद लेकर उनके निर्देश पर जब चलते में तभी राजा व प्रजा का जीवन सुखी रहता था।

✦  हिंसा हत्या करने वाला इंसान मालिक की नजरों से दूर हो जाता है। सुकून शान्ति खो देता है, मुक्ति-मोक्ष तो उसके लिए संभव है ही नहीं।

✦  मनुष्य शरीर 84 लाख योनियों में चक्कर काटने के बाद भजन इबादत करने के लिए मालिक ने दिया है। यह मानव मंदिर है, इसी में वह मालिक मिलता है। ईंट और पत्थर के मंदिर मस्जिद, गिरजाघर गिराने की माफी के बारे में तो कभी विचार भी हो सकता है लेकिन मानव मंदिर यानी जिस्मानी मस्जिद गिरा देने यानी मानव हत्या कर देने की माफी कभी होती ही नहीं है सजा भोगनी ही पड़ती है।

✦ सन्त सतगुरु किसी दाड़ी बाल वेशभूषा का नाम नहीं होता उनके अन्दर आध्यात्मिक शक्ति होती है, उनके दर्शन व वाणी वचन से ही काफी लाभ मिल जाता है.  इसलिए तो पहले के समय में लोग उनके पास जाया करते थे और शिक्षा-दीक्षा लेकर निर्देश के अनुसार जब काम करते थे तो इसी गृहस्थ आश्रम में स्वर्ग जैसा आनन्द मिलता था। आज की तरह से लोग घर के झगड़ा झंझट से घर छोड़ कर भागते नहीं थे औरतें जल कर मरती नहीं थी. दहेज़ और तलाक के मुकदमे चलते ही नहीं थे।

✦ फकीर तो जात-ए-ख़ुदा होते हैं। खुदाई आवाज सरजमी पर फैलाते हैं। उनकी तकरीरों में शिरकत करने से ही  निजात का रास्ता मिलता है।

✦ ये  काल का देश है, सन्त इस देश में मालिक की दया श्रोत लेकर मेहमान की तरह आते हैं और वे परम पिता अपने निज घर की याद दिलाते हैं, मनाकर के, समझा-बुझा करके रास्ता बताकर उस पर चला करके निजधाम पहुँचाकर मालामाल कर दिया करते हैं।  जो लोग उनके उपदेश से अलग हो जाते हैं, उन पर काल सन्त से आँख बचाकर अपना दाव लगा ही देता है।

✦ होशियार हो जाओ। थोड़ी सी नासमझी विश्व युद्ध का कारण बन सकती है। विश्व युद्ध को टालने के लिए जिम्मेदार समय से विचार-विमर्श कर लें। जन-धन की हानि से बचत हो सकती है। 

✦ सच्चे सन्त  के सतसंग में शरीक होने वालों को बीमारी तकलीफ में राहत तो मिलती ही है, श्रध्दा भाव भक्ति के अनुसार कामना भी पूरी होती है। 

✦ अपने देवी-देवता, गुरु को सम्मान दिलाने के लिए दूसरे के पीर, पैगम्बर एवं आराध्य की निन्दा मत करो।

✦  शिवनेत्र सबके पास है। समर्थ गुरु की दया से खुल सकता है। याद रहे शंकर जी ने कभी भी नशे का सेवन नहीं किया इसलिए उनके नाम पर नशा करके उनको बदनाम मत करो.  ये भी समझ लो  बलि  चढ़ने से देवता खुश   कभी नहीं होते हैं।

✦  कुछ समय के बाद हत्या बन्द हो जायेगी। देश में गऊ हत्या ही नहीं किसी भी पशु-पक्षी की हत्या नहीं होगी। लोगों की नीयत सही हो जायेगी। लोग नशामुक्त हो जायेंगे लोग दूसरे के धन को जहर और दूसरे की मां बहन को अपनी माँ बहन की तरह से समझने लगेंगे. 

✦ समर्थ गुरु के उपकार का बदला जीव बिना उनकी रहम के कभी चूका ही नहीं सकता।

✦  सेवा से इन्सान, इन्सान के दिल को तो जीत लेता ही है  बल्युकि खुदा की बनाई हुई चीजों को क्या, खुद ख़ुदा को भी वश में कर लेता है। 

✦ फकीर महात्माओं के काम कभी झूठे नहीं होते वह  जो बोल देते हैं होकर ही रहता है।

✦ अच्छे  भाव रखो, अच्चा चिंतन करो, अच्छे लोगों के पास उठो - बैठो।  इबादती यानि भजनानंदी  माताओं के बच्चे बुद्धिमान और नेक होते हैं। 

✦ हमारे देश की नारियां देवियाँ क्यों कहलायीं ? क्योंकि समर्थ गुरु से रास्ता लेकर अपनी आत्मा को जगायीं. 

✦  मन मनुष्य का राजा बन गया, जैसा वो कहता है, उसी तरह से शरीर के अंग काम करने लगते हैं। मन को वश  में करने का चिमटा सन्तों के पास होता है।

✦ जिभ्या  के स्वादी मनुष्य के अन्दर से दया खत्म हो जाती है और निभ्या के स्वादी मनुष्य के अन्दर से माँ  बहन की  पहचान ख़त्म हो जाती है। 

✦  मनुष्य का मन कन्ट्रोल से बाहर होकर गलत कामों में लग गया,  सही  करने का तरीका केवल सन्तों के पास होता है।

✦  समर्थ गुरु द्वारा दिए गए नाम से ही उद्धार होता है। 

✦ सन्तों की दया से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है।

✦ जब दिव्य दृष्टि खुलेगी तब खुदा, भगवान, गॉड  एक ही दिखेंगे।

✦  ख्वाहिशों की इबादत से सपने में भी वो मालिक मिलने वाला नहीं है। 

✦  याद रहे सतसंग वचन से अच्छाई मिलती है व बुराई  दूर हो जाती है। 

✦  दिव्य दृष्टि खुलने का रास्ता बताने वाले गुरु के मिल जाने पर ही लोक परलोक बनता है

✦ गुनाहों का अम्बार फ़क़ीर  के रहमत की नजर से ही जला करता है इसलिए उनके दरबार की हाजिरी जरूरी होती है।

✦  सदैव याद रखो,  झूठ बोली हुई बात कुछ समय के बाद भूल जाती है।। इन्सान उसको छिपाने के लिए  कई झूठ बोलता है फिर  भी छिप नहीं पाती. सत्य बात हमेशा याद रहती  है इसलिए यही बोलो।

✦  मनुष्य के बिना लगाम के चलने से समाज बर्बाद हो जायेगा। 

✦ इस समय पर झोपड़ी से महल तक में रहने वाले लोग दुःखी हैं। मानसिक शान्ति नहीं है। लड़ाई-झगड़ा, बीमारी, प्रेत बाधा, कुदरती कहर, इनसे कैसे छुटकारा मिलेगा ?  इसका रास्ता लोगों को नहीं मिल रहा है। गैर जानकारी में लोग भटकते रहते हैं, जान तक चली जाती है।

✦ आध्यात्मिक विज्ञान संसार के सभी विज्ञान से आगे है। इसका ज्ञान हो जाने पर हनुमान जी जैसी ताकत बदन में आ जाती है जो उड़कर गये और संजीवनी बूटी का पहाड़ उठाकर ले आये थे ।

✦  श्वासों की पूंजी गिन करके खर्च करने के लिए मिली है। जो जैसा खर्च करता है, उसी तरह से उम्र कम व ज्यादा होती है।

✦  जीवात्मा के घाट पर बैठोगे तभी सच्चा आनन्द मिलेगा।

✦  आज अभी से ही शाकाहारी रहने तथा शराब नहीं पीने का संकल्प बना लीजिए ।

✦  परमार्थ के तीन स्तम्भ सतसंग, सेवा और भजन ।

✦  जयगुरुदेव नाम बोल करके कोई गलत काम मत करना वर्ना सजा मिल जाएगी।


✦ चेतावनी प्रार्थना ✦ 

छोड़ कर संसार जब तू जायेगा। कोई न साथी तेरा साथ निभायेगा ।।

अगर प्रभु का भजन किया ना, सतसंग किया ना दो घड़ियां । 
यमदूत लगाकर तुमको, ले जायेंगे हथकड़िया, 
कौन छुड़वायेगा... कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।

इस पेट भरन के खातिर, तू पाप कमाता निस-दिन । 
शमशान में लकड़ी रखकर, तेरे आग लगेगी एक दिन, 
खाक हो जायेगा... कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।

सतसंग की बहती गंगा, तू इसमें लगा ले गोता । 
वरना इस दुनियाँ से, जाएगा एक दिन रोता-रोता, 
फिर पछताएगा...कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।

क्या कहता मेरा मेरा यह दुनियाँ रैन बसेरा । 
यहाँ कोई न रहने पाता है चन्द दिनों का डेरा, 
हंस उड़ जाएगा... कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।

गुरूदेव चरण में निस दिन, तू प्रीति लगाले बन्दे । 
कट जाएगे सब तेरे, ये जन्म मरण के फन्दे, 
पार हो जायेगा...कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।

छोड़ कर संसार जब तू जायेगा। कोई न साथी तेरा साथ निभायेगा।।


✦  हाथ जोड़कर विनय हमारी, तजो नशा बनो शाकाहारी। 
छोड़ो व्यभिचार बनो ब्रह्मचारी, सतयुग लाने की करो तैयारी ॥

✦ गाय को राष्ट्रीय पशु बनाओ, धरती पर सतयुग ले आओ। 
सुख-शांति का बिगुल बजाओ, प्रभु दर्शन कर मुक्ति पाओ ॥

✦ जिस दिन देश में गऊ हत्या बंद करने की घोषणा हो जाएगी, उसी दिन से सतयुग की किरण इस धरती पर पड़ने लग जाएगी और भारत में जब गऊ हत्या बंद हो जाएगी तब विदेशी लोग भी गऊ हत्या बंद कराने का मन बना लेंगे। धीरे-धीरे पूरे विश्व में गौ हत्या बंद हो जायेगी क्योंकि कलयुग में ही सतयुग कुछ समय के लिए आयेगा। सतयुग में गौ हत्या ही नहीं बल्कि किसी भी पशु-पक्षी की हत्या नहीं होगी। महात्माओं की वाणी अकाट्य होती है इसलिए यकीन करो और आप सब अंडा, मछली, मांस, शराब छोड़कर सतयुग के लायक बन जाओ जिससे आप भी सतयुग का आनंद ले सको।

✦ ये वही बाबा उमाकान्त जी महाराज हैं, जिनका दर्शन करने, सतसंग सुनने व उनके बताये रास्ते पर चलने से दुःख तकलीफों में आराम मिलने लगता है। मौका मिले तो आप भी एक बार इन बाबा उमाकान्त जी महाराज से जरूर मिलिए और इनसे नाम लेकर, घर बैठे इसी मनुष्य शरीर रूपी मंदिर में देवी-देवता व कुल मालिक (प्रभु) का दर्शन करके सुख शांति व मुक्ति मोक्ष के अधिकारी बन जाइये ।

जयगुरुदेव
साभार, (पुस्तक) स्मारिका सन 2012 से सन 2022 तक
smarika 2012 to 2022

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