*सन्त बाबा उमाकान्त जी ने बताया दु:ख तकलीफ पाप से छुटकारा कैसे मिलेगा*

जयगुरुदेव

23.09.2023
प्रेस नोट
उज्जैन (म.प्र.)

*अगर तिफरकेबाजी ख़तम करने की हमारी गुजारिश नहीं मानोगे तो कुदरत आगे माफ़ करने वाली नहीं है*

*सन्त बाबा उमाकान्त जी ने बताया दु:ख तकलीफ पाप से छुटकारा कैसे मिलेगा*


रूहानी तालीम, अध्यात्मिक पढ़ाई करवाने वाले, प्रेम से, भाव से प्रार्थना करने पर रीझने वाले, स्थाई मस्ती लाने वाले, तिफरकेबाजी से दूर रहने की शिक्षा देने वाले, सामन्य ज्ञान, बातों, उपदेशों से आगे बढ़कर पूरा सच, पूरी बात, पूरा उपाय बता कर पूरा लाभ दिलाने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 17 फरवरी 2023 प्रातः प्रयागराज (उ.प्र.) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 

सन्तमत में प्रमुख रूप से चार चीजें होती है। प्रार्थना, सुमिरन, ध्यान और भजन। प्रार्थना करनी चाहिए। प्रार्थना आप लोग याद नहीं करते हो। कम से कम दो-तीन प्रार्थना सबको याद होनी चाहिए। प्रार्थना करने के बाद मन बनता है। प्रार्थना जिसकी की जाती है, वह देखते हैं। और जब देखते हैं तब दया देते हैं। उससे प्रेम बढ़ता है। चार बच्चे हैं, अपना खेलते, काम करते रहते हैं लेकिन जो बच्चा पिता को पुकारता है उसकी तरफ पिता देखता है। छोटा बच्चा पिताजी पापाजी रट लगाए रहता है तो देखो बाप उससे कितना प्रेम करता है। और जो बड़े लड़के रहते हैं, कभी जरूरत पड़ती है तब याद करते हैं। प्यार तो उनका सबसे रहता है। सकल जीव मम उपजाया, सब पर मोर बराबर दाया। दया तो प्रभु की सब पर बराबर होती रहती है क्योंकि सब लोग उसी के हैं। 

लेकिन जो याद करता है उसको वह ज्यादा प्यार करते देते हैं। जैसे छोटे बच्चे का उदाहरण दिया तो छोटा बनकर ही प्रार्थना की जाती है। मेरे प्यारे गुरु दातार, मंगता द्वारे खड़ा। और मंगता जो बनेगा, छोटा हो ही जाएगा, वह तो हाथ जोड़ेगा, फैलाएगा तो छोटा हो ही जाएगा। बड़ा बड़प्पन अपना नहीं छोड़ता है, अहंकार में आ जाता है। लघुता से प्रभुता मिले, प्रभुता से प्रभु दूर, चींटी चावल ले चली, हाथी मस्तक धूल।  


*ये विज्ञान अध्यात्म से ही निकला है*

महाराज जी ने 19 मार्च 2019 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि पहले के लोग बड़े समझदार थे। मोटा खाना, मोटा पहनना, मोटा रहना। पढ़े-लिखे तो नहीं रहते थे लेकिन समझदारी बहुत रहती थी। बुद्धि उनकी आज, इस तरह की तेज तो नहीं थी कि हवाई जहाज ,हेलीकॉप्टर, एटम बम, परमाणु बम बना दे लेकिन अपने बचने का तरीका लोगों को मालूम रहता था। यह बनाते तो चले जा रहे हैं लेकिन बचने का तरीका नहीं बना पा रहा हैं। 

जब तक दूसरे के विनाश के लिए बनाते हैं तब तक दूसरा उसकी काट, अपने बचने का उपाय बना लेता है तो उसमें विकास नहीं हो पाता है। तो यह विज्ञान, अध्यात्म से निकला है। तो अध्यात्म की पढ़ाई तो इन्होंने किया नहीं तो इनको क्या पता कि किस तरह से कैसे काटा, नष्ट किया जाता है। कुत्ता भौंका, बाण छोड़ा, गया और कुत्ते के मुंह में ही बाण भर कर मुंह बंद कर दिया। कुत्ता को बजाय मारने, नोचने के, उसके काटने की शक्ति खत्म कर दी, कैसे मीठे तरीके से किया।


*ऐसी मस्ती लाओ जो उतरे ही नहीं*

महाराज जी ने 3 अगस्त 2020 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि जा मुल्ला तेरा रोज पीना, मस्तों का नहीं है करीना, और जो चढ़ती उतरती है मस्ती, वह हकीकत की मस्ती नहीं है। शराब पीकर के या नशा करके आप इबादत करोगे तो मस्ती कभी नहीं आएगी। ऐसी मस्ती लाओ जो कभी उतरे ही नहीं। ता जिंदगी रहे। तो वह किसकी मस्ती होती है? साउंड की, आवाज की मस्ती होती है जिसको अनहद वेदवाणी, आकाशवाणी, खुदाई आवाज कहा गया। तो वो अगर मिलने लग जाए, रूहानी इबादत होने लग जाए। हम यह चाहते हैं कि आप केवल जिस्मानी इबादत तक ही न रह जाओ। 

अगर आपने अच्छे शुद्ध सात्विक विचार से, अच्छी भावनाओं से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा बना लिया तो आप जो लाइन पकड़े हुए हो, जिन पर आपको यकीन विश्वास है, उसी में से यह (सन्तमत की) लाइन भी निकल जाएगी, यह रूहानी आध्यात्मिक रास्ता खुल जाएगा, आपको रास्ता मिल जाएगा और जब आप रास्ते पर चलोगे तब विश्वास हो जाएगा। तो विश्वास फलदायकम। आपके लिए फलदायी हो जाएगा, आपका जीवन सार्थक हो जाएगा। 

जब वो अल्लाह तआला, पाक परवरदिगार, भगवान, खुदा, सर्वशक्तिमान, जिसकी यह सारी खिलकत, चीजें हैं, जो सब कुछ देने वाला है, वह मिल जाएगा तो सोचो किसी चीज की कमी रह जाएगी? कभी भी नहीं रहेगी। फिर तो कहा- जो इच्छा किन्ही मनमाही, हरि प्रताप कछु दुर्लभ नाही। यकीन करो, विश्वास करो। पापी पेट के लिए आपको गुनाह नहीं करना पड़ेगा। फिर तो जब जिस चीज की जरूरत पड़ेगी, वह चीज आपको तब मिल जाएगी और जब तक इस दुनिया में रहोगे तब तक खुशहाल रहोगे। और जब समय पूरा हो जाएगा, सांसों की पूंजी खत्म हो जाएगी तब अपने मालिक, वतन, घर, पिता, पति, भगवान, हक के पहुंच जाओगे तो जीवन सफल हो जाएगा। 

तो हमारी यह प्रार्थना, अपील है कि आप इस भारत देश में रहते हो, यहां खाना खाते हो, एक साथ दु:ख सुख में जब शामिल होते हो, तो तिफरके बाजी खत्म करो। तिफरकेबाजी का बीज अंकुरित होने न पाए। और जहां से भी बीज अंकुरित हो रहा है उसको वहीं खत्म कर दो, तोड़ दो। हर मजहब के मानने वालों में अच्छे लोग हैं। और अच्छे लोग अगर इस चीज को चाह लें तो यह चीज अभी खत्म हो जाए। अब इसके खत्म होने का समय आ गया है। हमारी प्रार्थना, मिन्नत, गुजारिश पर अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो यह बात आपको आज 3 अगस्त 2020 रक्षाबंधन को बता दे रहा हूं फिर कुदरत माफ करने वाली नहीं है, यह भी आपको बता दे रहा हूं।


*दु:ख तकलीफ पाप से छुटकारा कैसे मिलेगा*

महाराज जी ने 12 अगस्त 2020 सायं उज्जैन आश्रम में बताया कि जैसे लोग कह देते हैं कि पाप करोगे तो नरक जाओगे। लेकिन नरकों से बचत कैसे होगी? यह भी तो बताना जरूरी है। दु:ख अगर किसी को मिल रहा है तो उस दु:ख से छुटकारा कैसे मिलेगा? यह भी तो बताना जरूरी है। कहा है कि मनुष्य शरीर में ही भगवान मिलता है, सब जानकार कहते हैं कि इसी मानव मंदिर में प्रभु का दर्शन होता है और जिसको मिला इसी में मिला। बात सत्य है लेकिन मिलेगा कैसे? मिलवा दो। तब तो विश्वास होगा। देखे बिन न होये परतीती, बिन परतीत होये न प्रीती, बगैर देखे विश्वास नहीं होता है।






गुरुदेव मुझको तुम देना सहारा 


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