*जय गुरु देव*
_*"परम पूज्य परम सन्त उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज के कुछ महत्वपूर्ण वचन":-*_
431. मुफ़लिसी (गरीबी) में भजन होता हैं
432. जिस दिन जयगुरुदेव नाम बोलकर गया, उसी दिन काम बन गया
433. कह देते हैं पर मन नहीं मानता हैं, मन धोखेबाज हैं
434. बाबा उमाकान्त जी महाराज के आगामी कार्यक्रमों की रुपरेखा।
435. बच्चों, पढ़ाई करने के बाद खाली मत बैठो।
436. औलाद का सुख तब है, जब वो बुढ़ापे में सहारा बने।
437. अभ्यास बराबर करते रहना चाहिए।
438. किसी के मदद की जरूरत ही नहीं हैं।
439. संत अपने जानशीन (आध्यात्मिक उत्तराधिकारी) को तैयार करके रखते हैं।
440. सन्तों की महिमा अनंत।
441. जिसको जैसा जितना आदेश होता है, उतना काम करते हैं।
442. गुरु की असली पहचान क्या हैं?
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Jaigurudev