*साधकों की चढ़ाई हो रही है उनके अंदर में खजाना भरा हुआ है*

जयगुरुदेव

13.05.2023
प्रेस नोट
उज्जैन (म.प्र.) 

*बहुत सारी जानकारी साधक को अपने आप साधना में हो जाती है*

*साधकों की साधना में चढ़ाई हो रही है, उनके अंदर में खजाना भरा हुआ है*

रूहानी दौलत को लुटाने वाले इस समय के आला फ़क़ीर, सब तरह की जानकारी अपने सतसंग के माध्यम से कराने वाले, अंतर साधना में भी संभाल करने वाले, कम समय में ज्यादा रिजल्ट लाने का उपाय बताने वाले, सबको अपने अंदर का छुपा खजाना खोजने का तरीका बताने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 9 मार्च 2020 सांय उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जानकारी कैसे मिलती है? सतसंग से, अच्छे लोगों के संपर्क से मिलती है। बहुत सारी जानकारियां साधक को अपने आप साधना में हो जाती है। साधना जो करते हैं उनको जानकारी हो जाती है, बुद्धि विवेक उनका अच्छा हो जाता है।


*साधना में गुरु महाराज मना करते हैं मत बोल, ज्यादा बोलता है*

महाराज जी ने 8 जुलाई 2017 प्रातः जयपुर में बताया कि आप इस बात को समझ लो, रट लो, जो भी साधना में दिखाई सुनाई पड़े, किसी को भी बताना नहीं है। तनिक देर में चूक जाओगे। मुंह से जहां बात निकलेगी, बस फट से वह कट हो जाएगा। आप अभी समझोगे नहीं। इसमें ऐसे साधक लोग बैठे हैं जो इस चीज का ध्यान नहीं देते हैं। साधना में भी उनको गुरु महाराज मना करते हैं, कहते हैं कि मत बोल, ज्यादा बोलता है। लेकिन अगर ध्यान नहीं दोगे तो ऐसा कटेगा कि जैसे कोई नाराज हो कर के चला जाए और कहे की कोई चिट्ठी पत्र नहीं, कोई टेलीफोन नहीं और हमारा रिश्ता खत्म हो गया, ऐसे खत्म होगा। यह बता देता हूं आज आपको। तो किसी को बताना मत। कोई भी हो, पति पत्नी को नहीं, पत्नी पति को नहीं, कोई किसी को नहीं बताएगा।


*साधक के लिए तीन-चार घंटे की नींद बहुत होती है*

महाराज जी ने 4 दिसंबर 2022 प्रातः बावल हरियाणा में बताया कि साधक के लिए तीन-चार घंटे की नींद बहुत होती है। साधना करने के लिए बैठ जाता है जब और सुरत ऊपर निकल जाती है तो थका हुआ आदमी जब आंख खोलता (साधना से उठता) है, तरोताजा महसूस करता है। तो तीन-चार घंटे की नींद बहुत होती है।

*साधकों की चढ़ाई हो रही है उनके अंदर में खजाना भरा हुआ है*

महाराज जी ने 19 मार्च 2019 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि शरीर के रहते-रहते अपनी आत्मा का कल्याण कर लो। इसको अपने वतन मालिक के पास पहुंचा दो। इसको वापस मृत्यु लोक में दु:ख के संसार में आना न पड़े। अगर इस काम में लग जाता है तो दुनिया में शरीर के रहते-रहते रहते, बराबर अपने घर आता-जाता रहता है। फिर उसको मौत का इंतजार नहीं करना पड़ता है कि जब मौत आएगी, शरीर छूट जाएगा तब अपने घर अपने वतन जाएंगे। कुछ लोग ऐसे साधक हैं जो साधना करते हैं, सुमिरन ध्यान भजन ठीक से करते हैं और उनकी चढ़ाई हो रही है। देखने में नहीं लगेंगे आपको लेकिन अंदर में माल खजाना भरा हुआ है। उनको मालूम हो गया, युक्ति मिल गई कि खजाना कहां है। युक्ति जब मिल जाती है, मालूम हो जाता है तब उसको वह खोज लेता है। और नहीं तो इधर-उधर पेड़ पौधे पत्थर पानी में खोजता भटकता रहता है।





Bhed kholne wale baba umakantji maharaj ujjain


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