2. सभी धर्मों के अनुसार उत्तम आहार– शाकाहार

जयगुरुदेव ⦔ हिंदू धर्म- 

हिंदू धर्मशास्त्रों में एकमत से सभी जीवों को ईश्वर का अंश माना है व अहिंसा, दया, प्रेम, क्षमा आदि गुणों को अत्यंत महत्व दिया है। मांसाहार को बिल्कुल त्याज्य, दोषपूर्ण, आयु क्षीण करने वाला व पाप योनियों में ले जाने वाला कहा है। 


अनुशासन पर्व –
महाभारत के अनुशासन पर्व में-

भीष्म पितामह ने मांस खाने वाले, मांस का व्यापार करने वाले व मांस के लिए जीव हत्या करने वाले तीनों को दोषी बताया है। उन्होंने कहा है कि जो दूसरे के मांस से अपना मांस बढ़ाना चाहता है। वह जहाँ कहीं भी जन्म लेता है चैन से नहीं रह पाता जो अन्य प्राणियों का मांस खाते हैं वे दूसरे जन्म में उन्हीं प्राणियों द्वारा भक्षण किए जाते हैं जिस प्राणी का वध किया जाता है वह यही कहता है "मांस भक्षयते यस्माद भक्षयिष्ये तमप्यहम् " अर्थात् आज वह मुझे खाता है तो कभी मैं उसे खाऊँगा।

आत्म शक्ति जागती है, आत्मसाक्षात्कार जब होता है तो उसी प्रकार की शक्ति आ जाती है जैसे जिस शक्ति के द्वारा सती सावित्री ने पति के प्राणों को वापिस कर लिया, सती अनुसुइया ने ब्रह्मा, विष्णु महेश को छोटा बच्चा बना दिया, ध्रुव प्रहलाद व लंका दहन में विभीषण के घर की रक्षा हो गई, आत्मशक्ति से ही हनुमान जी ने समुद्र में छलांग लगाकर लंका दहन कर रावण को सबक तो सिखा ही दिया साथ ही साथ शक्ति बाण लगने पर लक्ष्मण के जान की रक्षा के लिए उड़कर गए और पूरा पहाड़ उठाकर ले आए। स्मरण रहे ये सबके सब शाकाहारी नशामुक्त थे।

– परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन

शैतान का भड़काया हुआ मनुष्य नशा युक्त चीजों का प्रयोग करता है, ऐसे व्यक्ति से अल्लाह दूर रहता है, क्योंकि यह काम शैतान का है। और शैतान उस आदमी को जहन्नुम में ले जाता है।

-- कुरान शरीफ़


मांस खाने वाले सचमुच राक्षस हैं उनकी संगति कभी मत करो, क्योंकि उनके संग से भगवान की भक्ति में बाधा पड़ती है।

-- सन्त कबीर


हे मनुष्यों! तुम शराब से सदा भयभीत रहना, क्योंकि यह पाप और अनाचार की जननी है

- महात्मा बुद्ध



ऐ ईमान वालों, शराब तथा दूसरी नशीली चीजें हराम हैं। इन शैतानी चीजों से कतई बचे रहो।

- मजीद


अंडे मांस का प्रचार करने वाले सब राक्षस के समान हैं। वेदों में मांस खाने का कहीं भी उल्लेख नहीं है।

- स्वामी दयानंद सरस्वती सत्यार्थ प्रकाश-समु.१२


जो लोग अंडे मांस खाते हैं, मैं उन दुष्टों का नाश करता हूँ।-

- अथर्व कांड-८ मन्त्र १३


सभी धर्मों की यही पुकार,

अपनाओ सब शाकाहार ।।


(शेष क्रमशः अगली पोस्ट 3. में...) 

https://www.amratvani.com/2023/01/Dont-eat-eggs%20.html



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ