परिवर्तन हो जाने पर कोई भी अधिकारी, कर्मचारी, सुरक्षाधिकारी, सिपाही, न्यायाधीकारी पापी पेट के लिये बिकेगा

 महाराज जी की सम्मति ⧽

देश में बढ़ती हजारों स्वार्थी राजनैतिक पार्टियां जब तक नही खत्म होंगी तब तक जातिवाद, एरियावाद, भाषावाद, नक्सलवाद, माओवाद, आतंकवाद, भाई-भतीजावाद खत्म नहीं हो सकता है। व्यवस्था सही हो नहीं सकती क्योंकि इन पार्टियों में भर्ती लोगों में नैतिकता, सदाचार,  त्याग, सेवा, देशभक्ति की भावना खत्म सी होती जा रही है। 

जब पक्ष में रहते हैं तो कुछ और बोलते हैं, हार जाने पर सत्ता पक्ष का विरोध करते-करते सारी मर्यादाओं की सीमा लांघ जाते हैं। महाराज जी ने कहा मेरा यह सुझाव है कि एक बार देश की सभी छोटी बड़ी राजनीतिक पार्टियां खत्म कर दी जाएं और देश की परिस्थितियों का सर्वे कराकर सर्वसम्मत से देश को चलाने के लिये व्यवस्था बनायी जाये। 

शाकाहारी, नशामुक्त, चरित्रवान, खुदापरस्त यानी ईश्वरवादी देश प्रेमी लोगों को राजनैतिक पार्टी तथा अन्य कतिपय स्थानों से लोगों को निकालकर आचार संहिता के अनुसार इन्हीं को कुछ को पक्ष में और कुछ को विपक्ष में बैठाकर देश चलाया जाये तो व्यवस्था ठीक हो जायेगी, सबको रोजी, रोटी मिलने लगेगी, कुदरत के बरखिलाफ काम नहीं होगा। लोग भजनानन्दी, ईश्वरवादी, बन जायेंगे। नीयत सही हो जायेगी तो बरकत मिलने लगेगी। सारी समस्याओं का समाधान निकल आयेगा

भारत का संविधान बहुत पुराना हो गया। जिन परिस्थितियों को देखकर संविधान बनाया गया था उसमें और अब में बहुत अंतर हो गया। बहुत से संविधान के विशेषज्ञ रहे भी नहीं। समय परिस्थिति के अनुसार लोगों को रोजी, रोटी, न्याय, सुरक्षा, सम्मान, सुख-शान्ति दिलाने के लिये संविधान में संशोधन की आवश्यकता हैै। संविधान का पालन व रक्षा करने, कराने तथा देश को चलाने में प्रजातंत्र के सभी अधिकार प्राप्त मुख्यमंत्री, मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्य न्यायधीश, चुनाव आयुक्त,   धर्मगुरु एक राय मिला करके देश की परिस्थितियों का अध्ययन करके संविधान मे परिवर्तन कर दें।

परिवर्तन हो जाने पर कोई भी अधिकारी, कर्मचारी, सुरक्षाधिकारी, सिपाही, न्यायाधीकारी पापी पेट के लिये बिकेगा नहीं, लेखनी बिकेगी नहीं, अहलकार सेवा करेंगे, व्यापारी चिंता मुक्त होकर के व्यापार करेंगे, सुविधा प्राप्त किसान मेहनत से कमाये हुये अन्न का भरपूर मुनाफा जब पायेंगे तो आत्महत्या नहीं करेंगे। स्कूल से निकलते ही बच्चों को नौकरी, काम मिल जायेगा।  ईमानदारी मेहनत से काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारी, व्यापारी को तरक्की व सम्मान मिल जायेगा। हर तरह के झगडे़ खत्म हो जायेंगे। अमन चैन छा जायेगा, 

लोग ईश्वरवादी-खुदा परस्त बनकर समरथ गुरु से रास्ता लेकर इसी मानव मन्दिर में इबादत, भजन करके अंतर में देवी-देवताओं, फरिश्तों का दर्शन करने लगेंगे, अनहद वेद-वाणी, गैबी आवाज सुनने लगेंगे, नर्क चौरासी से छुटकारा मिल जायेगा, मानव जीवन सफल हो जायेगा, दुबारा फिर इस दुख के संसार में आना ही नहीं पडे़गा। जातिवाद, कौमवाद, परिवार वाद, एरियावाद, भाषावाद सब खत्म हो जायेगा। जिसके पास खाने को है खायेगा, जिसके पास नहीं है उसको मिल जायेगा तो गरीबी और अमीरी की खाई पट जायेगी। 

लड़ाई, झगड़ा, झंझट सुलझाने का सरल रास्ता सब निकल आयेगा। गौहत्या, पशु-पक्षी व मानव हत्या बन्द होने पर दया धर्म आयेगा। नीयत दुरुस्त हो जाने पर बरकत मिलने लगेगी,  कुदरत के बरखिलाफ काम बन्द हो जायेगा फिर कुदरत खुश होकर समय पर जाड़ा, गर्मी, बरसात देने लगेगी, लोग खुशहाल नजर आयेंगे। खून कत्ल ग्रह युद्ध दूसरे देश से युद्ध की सम्भावनायें खत्म हो जायेंगी। फौजियों की जान तो बचेगी ही देश का रक्षा बजट भी बहुत कम हो जायेगा, बजट का बचा हुआ धन विकास में खर्च होगा। विज्ञान व अध्यात्म में तरक्की होगी तो भारत विश्व का गुरु व सिरमौर होगा, लोगों को सतयुग का आनन्द मिलने लगेगा।

– Baba umakant ji maharaj ujjain

बाबा उमाकांत जी महाराज

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