*नई-नई बीमारियों का कारण...शराब-अंडा-मांस का सेवन है,* *इससे बचो और बचाओ।*

*जयगुरुदेव*
*प्रेस नोट/ दिनांक 22.09.2021*
आश्रम जयपुर, राजस्थान

*नई-नई बीमारियों का कारण...शराब-अंडा-मांस का सेवन है,*
*इससे बचो और बचाओ।*

आध्यात्मिक शिक्षा देने के साथ-साथ समाज के उत्थान हेतु समाज में फैलती गलत आदतों पर खुले आम कड़ा प्रहार करने वाले समय के महापुरुष,
उज्जैन वाले *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 04 अगस्त 2021 को आश्रम जयपुर, राजस्थान में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित सतसंग में बताया कि,
देखो प्रेमियों! मांस मछली अंडा शराब मत खाना-पीना। आजकल रोग ज्यादा इसलिए बढ़ रहे हैं, क्योंकि लोग मांस मछली अंडा ज्यादा खा रहे हैं। इससे खून बेमेल हो जाता है।

मनुष्य के बच्चे में पैदा होते समय शाकाहारी खून रहता है। लेकिन जब जानवरों का मांस खाया, उससे खून बेमेल हो जाता है और तरह-तरह की बीमारियाँ हो जाती है।
देखो! एक ही माँ के दो बच्चे, लेकिन खून नहीं चढ़ सकता। क्यों? क्योंकि एक शाकाहारी और दूसरा बन गया मांसाहारी। खून से ही बुद्धि बनती है। 

*मांस और शराब की वजह लोगों की बुद्धि भ्रष्ट हो रही, आंखों से बहन बेटी की पहचान खत्म हो रही है।*
आजकल लोगों की बुद्धि क्यों भ्रष्ट हो रही है?
इसी मांसाहार की वजह से। प्रेमियों! आपका खून भी बेमेल नहीं होना चाहिए, इसी से बुद्धि बनती है।
देखो! जानवरों को कोई ज्ञान रहता है? वह तो खाए और बच्चा पैदा किए। ये नहीं देखते हैं कि एक ही मां के कोख से पैदा हुए, यह मेरी बहन है, बछड़ी है, मां है। उसका ध्यान नहीं रहता।
जानवरों को बुद्धि नहीं होती, उनको तो बस अपनी हविश मिटानी है, नभ्या और जिव्या का स्वाद लेना है।

*भारतीय संस्कृति खत्म होने पर प्रकृति विनाश कर देती है।*
भारतीय संस्कृति जब खत्म हो जाती है, तब विनाश होता है। प्रकृति को परिवर्तन करना पड़ता है। जहां पर उसने निर्माण किया, वहीं पर प्रलय भी बनाया है। नित्य प्रलय, खंड प्रलय, महाप्रलय - यह सब प्रलय बनाया।

*गिद्ध और कौवों का भोजन है - मछली, कभी मत खाना।*
मांस मछली मत खाना। मछली तालाब के सफाई के लिए बनाई गई है। कोई भी गंदी चीज डाल दो, तालाब में तो उसको मछली खा जाती है। जब मर जाती है तो पानी के ऊपर तैरती है, गिद्ध-कौवा खाते हैं। गिध्दों, कौवों का भोजन है, आप मत खाना।

*अंडा खाने की वजह से बच्चों में विकास रुक जाता है।*
यह माताएं मासिक धर्म होती हैं। खराब खून जब इकट्ठा हो जाता है तो बच्चा बन जाता है। मुर्गियों का खराब खून, उनके टट्टी पेशाब का खराब हिस्सा जब इकट्ठा हो जाता है तो अंडा बन जाता है।
कितना भी डॉक्टर कहे कि अंडा खिलाओ, ताकत आएगी तो बच्चियों! कभी भी बच्चों को अंडा मत खिलाना। और अगर अंडा खिला दोगे उससे न तो बुद्धि का और न ही शारीरिक विकास हो पाएगा। 

*कोई डॉक्टर गारंटी नहीं ले सकता है कि अंडा खाने से स्वस्थ हो जाओगे बल्कि अंडा की वजह से दूसरी बीमारी पैदा हो जाएगी।*
किसी भी डॉक्टर से कहा जाए कि गारंटी ले लो, अंडा खाने से बच्चा स्वस्थ हो जाएगा। तो गारंटी नहीं ले सकता बल्कि खून बेमेल होने से एक बीमारी में तो लाभ मिलेगा, शरीर में थोड़ी ताकत तो आएगी लेकिन दूसरी बीमारी फिर वही गंदगी पैदा कर देगी। अंडा न तो खुद खाना, न बच्चों को खिलाना।

*शराब और मांस के पैसे से देश में कभी भी खुशहाली नहीं आ सकती।*
शराब में है एक हजार बुराईयां। आजकल भ्रष्टाचार और अपराध इसी शराब की वजह से बढ़ते जा रहे हैं। शराब पीने वाले ही नियम बना देते हैं कि इससे इनकम आमदनी बढ़ जाएगी, दबाव डाल देते हैं।
कोई न भी पीता हो, शाकाहारी हो, व्यवस्था बढ़िया से चलाने वाला हो तो उसको पीने वाले लोग यह सलाह दे देते हैं की इनकम बढ़ जाएगी।
*आज मैं आपको बता दूं, मांस और शराब के पैसे से कभी भी देश खुशहाल नहीं हो सकता है। यह जहां भी लगेगा सत्यानाश करेगा।*
एक जगह तो आमदनी दिखाई पड़ेगा कि आमदनी हो रही है लेकिन दूसरी तरफ सब खर्च हो जाएगा, बेकार में चला जाएगा और उसका फायदा भी जनता को नहीं मिलेगा।

*प्रेमियों! लोगों को बताओ कि शाकाहारी हो जाएंगे,*
*तो आने वाली बीमारियों से बच जाएंगे।*
देखो! कितनी खोज हुई? कोरोना की दवा तो अभी खोज ही रहे हैं। कितना पैसा खर्च हुआ, समय नष्ट हुआ, कितना विकास रुका लेकिन जान बचा पाए?
जान चली जा रही है। एक बीमारी जा रही तो दूसरी फिर तीसरी आ रही है।
*इसलिए प्रेमियों! आप इस चीज को बंद नहीं कर सकते हो लेकिन लोगों को समझा तो सकते हो कि शराब मत पियो।*

jaigurudev


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ