Satsangi k Kartavya | सतसंगी के कर्तव्य

*नामदानी के मुख्य कर्तव्य*
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नमस्कार, जयगुरुदेव।
सभी का एक बार फिर स्वागत है आपके अपने अमृत वाणी ब्लॉग पर।

*अगर आप नामदानी हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।*

गुरु प्यारी संगत जी, यदि आप भी बाबा जी से नामदान ले चुके हैं तो आज की बतायी गयी बातों का हमेशा ध्यान रखें।
नामदान के समय भी इन बातों को सभी को बताया जाता है, 

सबसे पहली बात- 
सतसंग सेवा भजन नियमित करें, इसमें कटौती न करें। सबसे प्रेम रखें, अच्छे लोगों की संगत करें।

दूसरी बात- 
साधना हमेशा एकांत में करना चाहिए। सुमिरन ध्यान भजन के समय खुद को कपड़े से ढक लेना चाहिए जिससे हमें कोई देख ना सके और बिना किसी परेशानी के हम साधना कर सकें।

तीसरी बात- 
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर यानी प्रातःकाल की बेला में, हाथ मुंह धोकर या स्नान करके, सुमिरन ध्यान भजन रोज करना चाहिए, यहां नहाने का कोई  खास कारण नही है, केवल सुस्ती ना आयें इसलिए नहाना जरूरी है । अगर आप को सुस्ती नहीं आती है तो आपको नहाने की भी जरूरत नहीं है। 

चौथी बात- 
ध्यान भजन में आपको कुछ भी दिखाई सुनाई दे तो आप इसे अपने गुरुदेव के सिवाय किसी को भी ना बतायें। यदि आप किसी को बता देंगे तो आपको दिखाई सुनाई देना बन्द हो सकता है।

पांचवी बात- 
अपने सतगुरु जी को हमेशा याद करते रहें, अपने काम को करते हुए, चलते फिरते नाम को रटते रहें।

छटवीं बात- 
अपने मन को विकारों से बचाये रखें। पराई स्त्री या पराये पुरुष पर नजर ना डालें। इससे आपकी जीवन भर की साधना नष्ट हो सकती है।

सातवीं बात-
रात को भोजन संयम से करना चाहिए जिससे हमें नींद ना आये और हम रात को भी सुमिरन ध्यान भजन कर सकें।

आठवीं बात--
भोजन हमेशा शाकाहारी और हल्का फुल्का करना चाहिए, जिससे हमारा शरीर बीमारियों से बचा रहे। अगर आप स्वस्थ्य रहेंगे तो साधना भी अच्छे से कर सकेंगे।

नवमीं बात-
अपने परिवार वालों की सेवा करें लेकिन ज्यादा किसी से मोह ना रखें। 

दशमीं बात- 
अपने बच्चों को भी अच्छे संस्कार दें, सतसंग की जानकारी करायें, सतगुरु के नाम का जाप करायें, क्योंकि बच्चे ही भविष्य की आधार शिला हैं।

ग्यारवी बात -
आप जो भी काम करें मेहनत और ईमानदारी से करें।  शुद्धि और बरकत के लिए कुछ धन परमार्थी कार्यों में जरूर खर्च करें। 

बारहवीं  बात -
हमेशा अपने सतगुरु का शुकराना करते रहें। आपको जो मिल रहा है, या मिलेगा। अपने कर्मों से ही मिलेगा। क्योंकि किये हुए कर्मो का फल सबको मिलता है, चाहे भगवान ही क्यों ना हो। इसलिए अपनी बुद्धि विवेक से काम लें।

तेहरवीं और आखिरी बात- 
रात को सोने के पहले अपने दिन भर के किये पर चिंतन करें। क्या अच्छा बुरा किया, शरीर के साथ साथ अपनी आत्मा के लिए कुछ किया या नहीं।  
ऐसा चिंतन करने से आपको अच्छी प्रेरणा मिलेगी और आपकी मंजिल भी आसान होगी।

प्रेमी भाई बहनों यदि आप इन तेरह नियमों का पालन करेंगे तो अपने जीवन में सुख शांति में रहेंगे। हमेशा खुश रहेंगे। और दुनिया की किसी भी बात से दुखी नहीं रहेंगे। 
आशा है आप इन नियमों का पालन जरूर करेंगे।

हम फिर मिलते हैं, ऐसे ही किसी आध्यात्मिक सन्देश के साथ।

जयगुरुदेव।


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